
जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व सरयू नदी के विभिन्न छठ घाटों पर मनाया जाता है। यहां पर बड़ी संख्या मे व्रती अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को चिह्नित देती है। सरयू नदी में पिछले वर्ष के अपेक्षा इस वर्ष जलस्तर काफी ज्यादा है। इस वजह से व्रतियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो इसलिए प्रशासनिक स्तर पर चौकसी बरती जा रही है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी रामबाबू बैठा ने बताया है कि सिसवन प्रखंड क्षेत्र में तीन घाटों को अतिसंवेदनशील मानते हुए खतरनाक होने के कारण वहां पर चिह्नित देने पर रोक लगा दी गयी है। जिसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसमें सरयू नदी का गंगपुर सिसवन मुखिया घाट, ग्यासपुर घाट और शिवाला घाट शामिल है। सभी लोगों से अपील की जा रहा है कि छठ पूजा के दिन इन घाटों पर नहीं पहुंचे। बांस-बल्ला से बैरिकेडिंग कराने का भी कार्य चल रहा है। आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी पदाधिकारी वृषभानु चंदा ने बताया कि इस बार 32 छठ घाटों को अति खतरनाक और 16 को खतरनाक घोषित किया गया है तो वहीं 387 घाटों को सामान्य पाया गया है। खतरनाक और अति खतरनाक छठ घाटों पर विशेष व्यवस्था की जा रही है।
- सरयू नदी के जलस्तर में कमी होने के बाद कटाव शुरू, लगातार मिट्टी धस रही है
- गुठनी और सिसवन में दो-दो मोटरवोट के साथ तैनात रहेंगे एसडीआरएफ की टीम