#भाजपा_की_कामदार_रेवड़ियाँ
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आज़ादी के बाद क्योकि निजी हाथों में पूंजी नही थी तो नेहरूजी ने पब्लिक सेक्टर में बड़े उपक्रम बनाने की योजना को धरातल पर उतारा।
इस कड़ी को कांग्रेस की सरकारों ने आगे बढ़ाया और ONGC, HP, इंजीनियर्स इंडिया जैसे पांच सितारा उपक्रम खड़े किए जिनकी मालिक भारत की जनता होती हैं लेकिन अमीन ( संरक्षक) भारत सरकार होती हैं।
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इन इदारों में स्वतन्त्र निदेशक का प्रावधान किया गया था जिसके लिए नियम बनाये गए है।
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किसी भी डायरेक्टर को स्वतन्त्र होना जरूरी है। अर्थात किसी राजनीतिक दल का पदाधिकारी न हो।
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जिस उपक्रम में नियुक्ति होनी है उंस विषय का जानकार हो तथा विशेषज्ञ हो।
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नियुक्ति के लिए एक कमेटी है जो कुछ नाम प्रस्तावित करती हैं और केबिनेट की नियुक्ति कमेटी को भेजती है।
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केबिनेट नियुक्ति कमेटी उन नामो में से ही किसी एक को नियुक्त करने का अधिकार रखती हैं।
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स्वतन्त्र निदेशक को लगभग 26 लाख रुपये सालाना सिटिंग फीस दी जाती हैं।
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बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा को ONGC का तथा अन्य प्रवक्ता शादिया इल्मी को इंजीनियर्स इंडिया का स्वतन्त्र निदेशक नियुक्त किया गया है।
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संबित पात्रा की इस क्षेत्र में क्या विशेषज्ञता है तथा मोहतरमा इल्मी कितना इंजीनियरिंग के बारे मे जानती हैं इसका उत्तर आप स्वयम सोच सकते है।
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इनके अतिरिक्त 10 से भी अधिक ऐसे लाभ के पद रेवड़ियों की तरह बांटे गए हैं लेकिन हम हिन्दू मुस्लिम और बुर्का या सलवार कमीज में व्यस्त रहते है।
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संबित पात्रा की नियुक्ति के विरुद्ध दिल्ली हाई कोर्ट में रिट डाली गई है लेकिन जब तक जनता जागरूक नही होगी ये देश लूटता रहेगा, बिकता रहेगा।
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चलो गौ माता जी की चिंता करते हैं और मन्दिर वहीं बनाते है।
-Parmod Pahwa